Skip to main content

Posts

Showing posts from September, 2018

डा. भीमराव अंबेडकर मीमांसा

*डा. भीमराव अंबेडकर मीमांसा* *पूर्वपक्षी उवाच:-* क्या बाबा साहेब ब्राह्मण के विरोधी थे? या ब्राह्मणवाद के ? या हिन्दु धर्म के ? *उत्तरपक्षी:-* बाबा साहेब न तो ब्राह्मण विरोधी थे।  न ही हिन्दू धर्म के। वो पास हिन्दू धर्म के पाखंड का विरोध करते थे। परन्तु आपने ऐसी शंका क्यों की ? *पूर्वपक्षी*:- आजकल तो सभी अंबेडकरवादी भाई हिन्दू धर्म का विरोध करते हैं। अतः केवल हिन्दुत्व का विरोध करना चाहिये? *उत्तरपक्षी*:- आजकल तो बहुत लोग हिन्दू व बौद्ध मांस भी खाते हैं तो क्या वह उनका धर्म हो जावेगा?  जो तुम तथाकथित हिन्दुत्व विरोध करके स्वयं को बाबा साहेब को अपना अनुयायी मानते हो तो यह तुम्हारी बड़ी भारी भूल है। क्योंकि विरोध तो गलत का ही हो सकता है।  और सत्य व न्याययुक्त बात का सदैव समर्थन होता है। *पूर्वपक्षी:-* तो क्या हिन्दू धर्म का विरोध नही करना चाहिये ? *उत्तरपक्षी:-*  मैं तुमसे पूछता हूँ कि क्या सही बात का भी विरोध करोगे?? क्या हिन्दु धर्म में जो सुबह उठने का और नित्य प्रति माता पिता की सेवा तर्पण करना आदि जो *पितृयज्ञ* का विधान है उसका भी विरोध करते हो? और जो मुस्लिम बकरीद पर पश

शंकर

*आदि गुरु शंकराचार्य्य के जन्मवर्ष में मतभेद* सत्य असत्य का पाठक स्वयं निर्णय करें।  प्रचलित जन्म वर्ष = 788 ईस्वी।  मृत्यु = 820 ईस्वी।  . शारदामठ मे गुरुशिष्य परंपरा से प्राप्त श्लोक :- . *युधिष्ठिरे शके २६३१ (2631 युधिष्ठिर संवत)वैशाखशुक्लापञ्चम्यां श्री मच्छङ्करावतारः।....* *तदनु.... २६६३ कार्तिकशुक्लापूर्णिमायां.... श्री मच्छङ्करभगवत्पूज्यपादा... निजदेहेनैव....निजधामं प्राविशन्निति।* अर्थात् 2631 युधिष्ठिर संवत में आदि शंकराचार्य का जन्म हुआ व मृत्यु 2663 युधिष्ठिर संवत में हुई।  वर्तमान युधिष्ठिर संवत = 5157 यु. सं। अतः अब ये लेकर जन्म तक क् वर्ष = 5157-2631= 2526 वर्ष पूर्व या 2526-2018 = *508 ईसा पूर्व* अतः 508 ईसा पूर्व शंकराचार्य जी का जन्म हुआ था न कि 788 ईस्वी में।  अन्य प्रमाण:- *१.* जैन राजा सुधन्वा का उपलब्ध ताम्रपत्र :- *निखिलयोगिचक्रवर्ती श्रीमच्छङ्करभगवत्पादपद्मयोभ्रमरायमाण सुधन्वनो मम सोमवंशोचूडामणि'युधष्ठिर'पीरम्पर्यपरिप्राप्त भारतवर्षस्याञ्जलिबद्धपूर्विकेयं राजन्यस्य विज्ञप्ति.....युधिष्ठिर २६६३ आश्विन शुक्ल १५।* इय ताम्रपत्र में भी 2663 युध

कृष्ण

।।श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें।। मित्रों! आज भगवान कृष्ण का जन्मदिवस हम मना रहे हैं। आपके कृष्ण जी पर अनेक लेख,वीडियो,मैसेज आदि आ सकते हैं । जैसे कि- कृष्ण जी रासरचैया थे,माखनचोर थे, कुब्जा को उन्होंने पवित्र किया, राधा नामक स्त्री से उनके संबंध थे,आदि-आदि । ये सब मैसेज पोप पुराणों के आधार पर फैलाये जा रहे हैं। कृष्ण जी की १६१०८ पत्नियां बताते हैं। और जिस विष्णुपुराण में ये लिखा है, उसमें खुद आंकड़ा लेखक तय नहीं कर पा रहा। भागवत में तो कृष्ण से उनकी फूफेरी बहनों तक से शादी करवा दी। विष्णुपुराण ने तो आपसी संबंधों को छिछालेदर कर दिया। ब्रह्मवैवर्त ने तो कृष्ण को "प्लेबॉय" बनाकर रख दिया। गीताप्रेस आदि प्रकाशन आज भी भागवत में से वेदविरुद्ध, इतिहास विरुद्ध मूर्खतापूर्ण बातें छाप रहे हैं। हम ये नहीं कह रहे हैं कि पुराण पूरी तरह गलत है। इनमें भारी प्रक्षेप हुये हैं। विष्णुपुराण में २४००० की जगह ६००० ही श्लोक हैं। भागवत में १८००० होने थे, आज १४००० के लगभग रह गये। भविष्यपुराण कहता है कि पहले पुराण १२००० श्लोकों के थे, बाद में उनमें भारी परिवर्धन हो गया। आज ४ लाख श्लो