*डा. भीमराव अंबेडकर मीमांसा* *पूर्वपक्षी उवाच:-* क्या बाबा साहेब ब्राह्मण के विरोधी थे? या ब्राह्मणवाद के ? या हिन्दु धर्म के ? *उत्तरपक्षी:-* बाबा साहेब न तो ब्राह्मण विरोधी थे। न ही हिन्दू धर्म के। वो पास हिन्दू धर्म के पाखंड का विरोध करते थे। परन्तु आपने ऐसी शंका क्यों की ? *पूर्वपक्षी*:- आजकल तो सभी अंबेडकरवादी भाई हिन्दू धर्म का विरोध करते हैं। अतः केवल हिन्दुत्व का विरोध करना चाहिये? *उत्तरपक्षी*:- आजकल तो बहुत लोग हिन्दू व बौद्ध मांस भी खाते हैं तो क्या वह उनका धर्म हो जावेगा? जो तुम तथाकथित हिन्दुत्व विरोध करके स्वयं को बाबा साहेब को अपना अनुयायी मानते हो तो यह तुम्हारी बड़ी भारी भूल है। क्योंकि विरोध तो गलत का ही हो सकता है। और सत्य व न्याययुक्त बात का सदैव समर्थन होता है। *पूर्वपक्षी:-* तो क्या हिन्दू धर्म का विरोध नही करना चाहिये ? *उत्तरपक्षी:-* मैं तुमसे पूछता हूँ कि क्या सही बात का भी विरोध करोगे?? क्या हिन्दु धर्म में जो सुबह उठने का और नित्य प्रति माता पिता की सेवा तर्पण करना आदि जो *पितृयज्ञ* का विधान है उसका भी विरोध करते हो? और जो मुस्लिम बकरीद पर पश