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अष्टाध्यायी 1.2.14

🔥 *हनः सिच्। 1.2.14*
🔥 प वि:- हनः 5.1। सिच् 1.1।
🔥 अनुवृत्ति: - आत्मनेपदेषु कित्।
🔥 अर्थ: - हनो धातोः परो सिच् प्रत्यय आत्मनेपदेषु किद्-वद् भवति।
🔥 उदाहरण: - आहत।  आङ् +हन्+लुङ्। आ+अट्+हन्+च्लि +त।
आ+ह+सिच्+त।
आह+स्+त।
आह 0 त।
आहत।

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