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अष्टाध्यायी 1.2.17

🔥 *स्थाघ्वोरिच्च।1.2.17*
🔥 प वि:- स्थाघ्वोः 6.1। इत् 1.1। च।
🔥 अनुवृत्ति: - सिच् आत्मनेपदेषु कित्।
🔥 अर्थ: - स्था-धातोः घु-सञ्ज्ञाकानां च इकारादेशो भवति। एभ्यः परः सिच् किद्वत् भवति, आत्मनेपदेषु-सञ्ज्ञकेषु परतः।
🔥 आर्यभाषा: - स्था और घु संज्ञक धातुओं को इकारादेश भी होता है। इनसे परे सिच् आत्मनेपदविषय प्रत्यय किद्-वत् होता है। 
🔥 उदाहरण: - उपास्थित।
स्था +च्लि+लुङ्।
स्था+सिच् +लुङ्।
अट +स्थि+ 0+ त।
अस्थित।
उप+अस्थित।
उपास्थित।

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