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अष्टाध्यायी 1.2.22

🔥 *पूङः क्त्वा च। 1.2.22*
🔥 प वि:- पूङः 5.1। क्त्वा 1.1। च।
🔥 अनुवृत्ति: - सेट् निष्ठा कित् न।
🔥 अर्थ: - पूङः धातोः परो सेट् निष्ठा क्त्वा च प्रत्ययौ किद्-वत् न भवति। 
🔥 आर्यभाषा: - पूङ् धातु से परे इट् आगमवाला निष्ठा व क्त्वा प्रत्यय किद्-वत् नहीं होता।
🔥 उदाहरण: - पूङ्+क्त। पू+त। पो+इट्+त। पव्+इ+त। पवित+सु। पवितः।  इसी प्रकार पवित्वा।

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