🔥 *ऊकालोsज् ह्रस्वदीर्घप्लुतः।1.2.27*
🔥 प वि:- उ-ऊ-उ3 कालः 1.1। अच् 1.1। ह्रस्व-दीर्घ-प्लुतः 1.1।
🔥 अर्थ: - उ-ऊ-उ3 इत्येवं कालोsज् ह्रस्व- दीर्घ- प्लुतः संज्ञकः भवति।
🔥 आर्यभाषा: - उ , ऊ तथा उ3 के काल के समान काल वाले अच् की क्रमशः ह्रस्व दीर्घ प्लुतः संज्ञा होती है।
🔥 उदाहरण: -
ह्रस्व। दीर्घ। प्लुत।
अ। आ। अ3।
इ। ई। इ3।
उ। ऊ। उ3।
ऋ। ऋ2। ऋ3।
लृ। ❌ लृ3।
❌ ए। ए3।
❌ ऐ। ऐ3।
❌ ओ। ओ3।
❌ औ। औ3।
= 5। =8। =9।
➡ = 5+8+9= 22 स्वराः।
🔥 एधँ वृद्धौ , भ्वादि गण, उदात्त, अनुदात्त(आत्मनेपदी) 1. *लट् लकार* एधते, एधेते , एधन्ते। एधसे, एधेथे , एधध्वे। एधे, एधावहे , एधामहे। 2. *लिट् लकार* एधाञ्चक्रे , एधाञ्चक्राते , एधाञ्चक...
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