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अष्टाध्यायी 1.2.30

🔥 *नीचैरनुदात्तः। 1.2.30*
🔥 प वि:- नीचैः।  अनुदात्तः 1.1।
🔥 अर्थ: - कण्ठादीनां स्थानानां नीचैर्भागे निष्पन्नो अच् अनुदात्त- संज्ञको भवति।
🔥 उदाहरण: - *क॒* । *ट॒*  ।

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