🔥 *एकश्रुति दूरात् सम्बुद्धौ।1.2.33*
🔥 प वि:- एकश्रुति 1.1। दूरात् 5.1। सम्बुद्धौ 7.1।
🔥 अर्थ: - एकाश्रुतिर्यस्य तत्-एकश्रुति।दूरात् सम्बोधने उदात्तानुदात्तस्वरितानामेकश्रुतिस्वरो भवति।
🔥 आर्यभाषा: - किसी को दूर से सम्बोधित करने वाले वाक्य में उदात्त, अनुदात्त और स्वरित का एकश्रुति स्वर होता है।
🔥 उदाहरण: - आगच्छ भो माणवक देवगत्त3।
🔥 एधँ वृद्धौ , भ्वादि गण, उदात्त, अनुदात्त(आत्मनेपदी) 1. *लट् लकार* एधते, एधेते , एधन्ते। एधसे, एधेथे , एधध्वे। एधे, एधावहे , एधामहे। 2. *लिट् लकार* एधाञ्चक्रे , एधाञ्चक्राते , एधाञ्चक...
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