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अष्टाध्यायी 1.2.40

🔥 *उदात्तस्वरितपरस्य सन्नतरः।1.2.40*
🔥 प वि:- उदात्त-स्वरितपरस्य 6.1। सन्नतरः 1.1।
🔥 अनुवृत्ति: - अनुदात्तानाम्।
🔥 अर्थ: - उदात्तस्वरितपरस्य अनुदात्तस्य स्थाने सन्नतरः= अनुदात्ततर आदेशो भवति।
🔥 आर्यभाषा: - उदात्तपरक और स्वरितपरक अनुदात्त के स्थान में अनुदात्ततर आदेश होता है।
*सन्नतर* यह 'अनुदात्ततर' इसकी पूर्वाचार्यों की संज्ञा है।

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