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अष्टाध्यायी 1.3.40

🔥 *आङ उद्गमने।1.3.40*
🔥 प वि:- आङः 5.1 उद्गमने 7.1।
🔥 अनु.:- क्रमः।
🔥 अर्थ: - उद्गमने अर्थे वर्तमानाद् आङ-उपसर्गपूर्वाद् क्रमः धातोः कर्तरि आत्मनेपदं भवति।
🔥 आर्यभाषा: - उदय होने अर्थ में वर्तमान क्रम धातु से कर्तृवाच्य में आत्मनेपद होता है।
🔥 उदाहरण: - आक्रमते आदित्यः। सूर्य उदय होता है। *क्रमुँ पादविक्षेपे* (भ्वादिगण प)

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