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अष्टाध्यायी 1.3.59

🔥 *शदेः शितः।1.3.59*
🔥 प वि: शदेः 5.1।  शितः 6.1।
🔥 अर्थ: - श् इत् यस्य यस्य सः *शित्* तस्य:- शितः।  शित्-प्रत्ययसम्बन्धिनः शद्-धातोः कर्तरि आत्मनेपदं भवति। 
🔥 आर्यभाषा: - शित् प्रत्यय से संबंधित शद्-धातु से कर्तृवाच्य में आत्मनेपद होता है। 
🔥 उदाहरण: - *शीयते*
शद्लृ +लट्।
शद्+त।
शद्+शप् +त। *कर्तरि शप्*
शीय्+अ+त। *पा....7.3.78* से *शीय् आदेश।*
शीय्+अ+ते। *टित् आत्मनेपदानां टेरे*
*शीयते।*= तीक्ष्ण करता है।      *शद्लृ शातने*भ्वादिगण पर.

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