🔥 *णिचश्च।1.3.74*
🔥 प वि:- णिचः 5.1। च।
🔥 अनु.:- कर्त्रभिप्राये क्रियाफले।
🔥 अर्थ: - क्रियाफले कर्त्रभिप्राये सति णिजन्ताद् धातोः कर्तरि आत्मनेपदं भवति।
🔥 आर्यभाषा: - क्रियाफल कर्ता को अभिप्रेत होने पर णिजन्त धातु से कर्तृवाच्य में आत्मनेपद होता है।
🔥 उदाहरण: - कटं *कारयते।* वह अपने लिये चटाई बनवाता है।
कृ+णिच्।
कृ+ इ। *हेतुमति।* 3.1.26।
कारि +लट्।
कारयते।
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