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अष्टाध्यायी 1.3.8

🔥 *लश्क्वतद्धिते।1.3.8*
🔥 प वि:- ल-श्-कुः 1.1। अतद्धिते 7.1।
🔥 अनुवृत्ति:- उपदेशे, प्रत्ययस्य, आदिः , इत्।
🔥 अर्थ: - उपदेशे तद्धितवर्जितानां प्रत्यस्यादौ वर्तमानानां लकार-शकार-कवर्गाणानाम् इत्संज्ञकः भवति।
🔥 आर्यभाषा: - तद्धितप्रत्यय को छोड़कर प्रत्यय के आदि में विद्यमान लकार-शकार- तवर्ग की इत्संज्ञा होती है। 
🔥 उदाहरण: - ल्युट्, शप्, क्तवतू क्त। अत्र ल्, श् , क् इत्संज्ञकाः भवन्ति।

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