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अष्टाध्यायी 1.3.84

🔥 *उपाच्च।1.3.84*
🔥 प वि:- उपात् 5.1। च। 
🔥 अनु.:- रमः। 
🔥 अर्थ: - उप-परस्मात् रमः धातोः कर्तरि परस्मैपदं भवति। 
🔥 उदाहरण: - देवदत्तम् *उपरमति।* देवदत्त को हटाता है।

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