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अष्टाध्यायी 1.3.85

🔥 *विभाषाsकर्मकात्।1.3.85*
🔥 प वि:- विभाषा 1.1। अकर्मकात् 5.1।
🔥 अनु.:- उपात्, रमः।
🔥 अर्थ: - अकर्मकक्रियावचनाद् उप-परस्माद् रमः धातोः कर्तरि विकल्पेन परस्मैपदं भवति।
🔥 आर्यभाषा: - अकर्मक क्रियावाची उप-उपसर्गपूर्वक रम् धातु से कर्तृवाच्य में विकल्प से परस्मैपद होता है। 
🔥 उदाहरण: - यावद्भुक्तं *उपरमति।* यावद्भुक्तं *उपरमते।* प्रत्येक भोजन से निवृत्त होता है, भोजन नहीं करता है।

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