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अष्टाध्यायी 3.1.4

🔥 *अनुदात्तौ सुप्पितौ।3.1.4*
प वि:- अनुदात्तौ 1.2। सुप्-पितौ 1.2।
अर्थ: - सुपः प्रत्ययाः पितः प्रत्ययाः च अनुदात्ताः भवन्ति। इति पूर्वस्य सूत्रस्य अपवादः।  प इत् यस्य सः *पित्*।
आर्यभाषाया:- सुप् प्रत्यय और पित् प्रत्यय अनुदात्त होते हैं।

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