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बाबा साहेब की नवम , दशम प्रतिज्ञाओं की समालोचना

*बाबा साहेब की नवम व दशम प्रतिज्ञा की समालोचना*
ओ३म्
:- *प्रथमेश आर्य्य*
*नवम प्रतिज्ञा:-* मैं मनुष्य की समानता में विश्वास करता हूँ। 
*दशम प्रतिज्ञा:-* मैं समानता स्थापित करने का प्रयास करूंगा। 
ये तो आपकी प्रतिज्ञा शत् प्रतिशत वेदानुकूल ही है। अब प्रमाण देखिये :-
*अज्येष्ठासो अकनिष्ठास एते सं भ्रातरो वावृधुः सौभगाय*
ऋग्वेद ५.६०.५।
अर्थात् मनुष्य में न कोई बड़ा है न कोई छोटा है सब मिलकर ऐश्वर्य वृद्धि करें।
हाँ कुरान में अवश्य यह कहा गया है कि जो मुहम्मद व अल्लाह के बाकी रसूलों को न मानें वो काफिर है और काफिरों से युद्ध करो और जब तक टैक्स न दे और नमाज कायम न करें तब तक मारते काटते रहो। 
और बाईबल में भी ऐसा ही पक्षपात है पादरीवर्ग स्वर्ग के टिकट बाँटने वाले बने बैठे हैं। और जो पृथ्वी को गोल बतायें व घूमने वाला बताये उसकी हत्या कर दी जाती है।
आप भले ही समानता चाहते हों परन्तु आपके नाम का झंडा लेकर चलने वाले बिल्कुल भी यह नहीं चाहते। 
बल्कि आपके जो कथन सत्य हैं उनके विरुद्ध जाकर वामन मेश्राम व जिग्नेश मवानी जैसे घोँचू प्रकृति को लोग समाज को बाँट रहे हैं और इन्होने आर्य मूलनिवासीवाद सिद्धान्त गढ़ा है जिसका हम भविष्य में तर्क व प्रमाणों के पुनः मुखमर्दन करेंगे।
आपके तथाकथित नाम लेने वाले कुछ घोँचू यह कहते हैं कि सवर्ण विदेशी हैं।  और sc st और अल्पसंख्यक मूलनिवासी हैं।   और विदेशियों को देश से बाहर भगाओ।
अब इनसे पूछना चाहिये कि क्या यह बात संविधान के अनुकूल है ?
संविधान के अनुसार तो सब भारतीय हैं। तब तो वामन व जिग्नेश जैसे लोग संविधानद्रोही हुये ? और विदेशी तो मुस्लिम और ईसाई हैं फिर हम आर्यों की यह हार्दिक इच्छा है कि इन मोमिन व ईसाई भाइयों को देश से बाहर कर देना चाहिये क्योंकि आर्य अर्थात् सभी हिन्दू (सवर्ण व दलित सहित ),बौद्ध जैन सिक्ख आदि ही मूलनिवासी हैं।
*ओ३म्*
*वेदों की ओर लौटो*
*ओ३म् भूर्भुवः स्वः।तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात्।*

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