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भूमिका

भूमिका :-

*ओ३म्*
*सं गच्छध्वं सं वदध्वं सं वो मनांसि जानताम्।*
*देवा भागं यथा पूर्वे सं जनाना उपासते।* :- ऋग्वेद १०.१९१.२
*अर्थात्:-* हे मनुष्यों! साथ साथ मिल जाओ। मिलकर परस्पर संवाद करो। हमारे मन एक हो जायें। इसलिये कि एक मन हुये पूर्व के विद्वान जैसे लाभ का सेवन करते थे वैसे तुम भी कर सको।🔥

हम सभी भारतीय युवा व जिज्ञासु जन यह जानते हैं कि आज सम्पूर्ण भारतवर्ष में आदरणीय बाबा साहेब डा. भीमराव रामजी अंबेडकर की जयन्ती प्रतिवर्ष हर्ष और उल्लास के साथ सर्वसमाज द्वारा उल्लास के साथ मनायी जाती है। प्रतिवर्ष जयन्ती में दलितों के बाबा साहब द्वारा की उन २२ प्रतिज्ञाओं का अवश्य स्मरण करवाया जाता है जो उन्होने तथाकथित हिन्दू धर्म का परित्याग करते समय लीँ थी। वैसे तो इनमें अधिकाँश प्रतिज्ञाएँ सत्य न्याय व वेदानुकूल ही हैं परन्तु कुछ घोँचुओं पोपो और धूर्त पाखण्डियों द्वारा यह दुष्प्रचार किया जाता है कि दलितों को तथाकथित हिन्दू धर्म त्यागकर इस्लाम और ईसाई बन जाना चाहिये।जबकि इस्लाम और ईसाईयत स्वयं ही पाखंड के मूल हैं क्योंकि इनकी पुस्तकों में अनेकों सृष्टि नियम के प्रतिकूल कथन व अनेकों परस्पर विरुद्ध वचन है और अनेकों गपोड़े हैं। अतः हमारे सभी भोले भाले दलित मुस्लिम व ईसाई भाइयों के सत्यमार्गदर्शन के लिये यह सुप्रमाणों से युक्त लघु पुस्तिका प्रस्तुत कर रहा हूँ। इस पुस्तक को पढ़कर उनको विदित होगा कि उनकी कितनी प्रतिज्ञाएँ वेदानुकूल हैं और उनकी कितनी प्रतिज्ञाएँ कुरान व बाईबल के सिद्धान्तो के विरुद्ध हैं। मैंने उनकी प्रतिज्ञाओं को कुरान व बाईबल के परिप्रेक्ष्य में भी दिखाने का प्रयत्न किया है। पुस्तक पढ़कर उनको वेद के कई सिद्धान्तो का ज्ञान होगा तथा वैदिक धर्म के प्रति धारणायें भी बदलेंगी।
*ओ३म्*
- *प्रथमेश आर्य्य*

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एध धातु आत्मनेपदी

🔥 एधँ वृद्धौ , भ्वादि गण, उदात्त, अनुदात्त(आत्मनेपदी) 1. *लट् लकार* एधते, एधेते , एधन्ते।  एधसे, एधेथे , एधध्वे। एधे, एधावहे , एधामहे। 2. *लिट् लकार* एधाञ्चक्रे , एधाञ्चक्राते , एधाञ्चक्रिरे। एधाञ्चकृषे , एधाञ्चक्राथे , एधाञ्चकृढ्वे। एधाञ्चक्रे , एधाञ्चक्रवहे , एधाञ्चक्रमहे।  3. *लुट् लकार* एधिता , एधितारौ , एधितारः।  एधितासे , एधिताथे , एधिताध्वे।  एधिताहे , एधितास्वहे , एधितास्महे।  4. *लृट् लकार* एधिष्यते , एधिष्येते , एधिष्यन्ते। एधिष्यसे , एधिष्येथे , एधिष्यध्वे। एधिष्ये , एधिष्यवहे , एधिष्यमहे। 5. *लेट् लकार* एधिषातै , एधिषैते , एधिषैन्ते। एधिषासै ,  एधिषैथे , एधिषाध्वै।  एधिषै , एधिषावहै , एधिषामहै।  6. *लोट् लकार* एधताम्  ,एधेताम् , एधन्ताम्।  एधस्व , एधेथाम् , एधध्वम्। एधै , एधावहै , एधामहै। 7. *लङ् लकार* ऐधित , ऐधेताम् , ऐधन्त। ऐधथाः , ऐधेथाम् , ऐधध्वम्। ऐधे , ऐधावहि , ऐधामहि। 8. *लिङ् लकार*        *क. विधिलिङ् :-* एधेत , एधेताम् , एधेरन्। एधेथाः , एधेयाथाम् , एधेध्वम्। एधेय , एधेवहि , एधेमहि।           *ख. आशीष् :-* एधिषीष्ट , एधिषीयास्ताम

तिङ् प्रत्यय

🔥  *तिङ् प्रत्ययाः*      *परस्मैपद:-*   1. तिप् ,   तस् ,   झि।    2. सिप् ,   थस् ,   थ।   3.  मिप् ,   वस् , मस्।         *आत्मनेपद:-* 1.   त ,      आताम् ,        झ।  2.   थास् ,   आथाम् ,    ध्वम्। 3.   इट् ,       वहि ,      महिङ्। सूत्र:- *तिप्तस्झिसिप्थस्थमिब्वस्मस्ताताम्झथासाथाम्ध्वमिडवहिमहिङ्।* अष्टाध्यायी 3.4.78

अष्टाध्यायी सूत्र प्रकार

🔥 *अष्टाध्याय्याः सूत्राणां विभागाः* अष्टाध्यायी में सभी सूत्र सात प्रकार के हैं:- संज्ञापरिभाषाविधिनिषेधनियमातिदेशाधिकाराख्यानि सप्तविधानि सूत्राणि भवन्ति। 1. *संज्ञा सूत्र:-* सम्यग् जानीयुर्यया सा संज्ञा।  उदाहरण: - वृद्धिरादैच् 1.1.1। 2. *परिभाषा सूत्रम्:-* परितः सर्वतो भाष्यन्ते नियमा याभिस्ताः परिभाषाः।  उदाहरण: - इको गुणवृद्धिः।  3. *विधिः सूत्र:-* यो विधीयते स विधिर्विधानं वा।  उदाहरण: - सिचि वृद्धिः परस्मैपदेषु। 4. *निषेधं सूत्रम्:-* निषिध्यन्ते निवार्यन्ते कार्याणि यैस्ते निषेधाः।  उदाहरण: - न धातुलोपे आर्द्धधातुके।  5. *नियमं सूत्रम्:-* नियम्यन्ते निश्चीयन्ते प्रयोगाः यैस्ते नियमाः।  उदाहरण: - अनुदात्तङित् आत्मनेपदम्। 6. *अतिदेशं सूत्रम्:-* अतिदिश्यन्ते तुल्यतया विधीयन्ते कार्याणि यैस्ते अतिदेशाः।  उदाहरण: - आद्यन्तवदेकस्मिन्।  7. *अधिकारं सूत्रम्:-* अधिक्रियन्ते पदार्था यैस्ते अधिकाराः। उदाहरण: - कारके।  🔥 *आर्यभाषायाम्* जिससे अच्छेप्रकार जाना जाये वह *संज्ञा* कहाती है। जैसे *वृद्धिरादैच्* । जिनसे सब प्रकार नियमों की स्थिरता की जाये वे *परिभाषा* सूत्र कहात