*बाबा साहेब की चतुर्थ व पञ्चम प्रतिज्ञाओं का समालोचना*
*ओ३म्*
:- *प्रथमेश आर्य्य*
११ अप्रैल २०१८।
*चतुर्थ प्रतिज्ञा:-* मैं भगवान के अवतार में विश्वास नहीं करता हूँ।
*पञ्चम प्रतिज्ञा:-* मैं यह नहीं मानता और न कभी मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे। मैं इसे पागलपन और झूठा प्रचार व प्रसार मानता हूँ।
श्रीमान ! आपकी प्रतिज्ञाओं मे पुनरुक्ति दोष आ रहा है। विद्वान् व्यक्ति की रचना में पुनरुक्ति दोष उचित नहीं। या तो आप पहले ही अवतारवाद न मानते तो राम कृष्ण को अवतार न मानन की आवश्यकता अलग से न पड़ती।
पर आपके समक्ष जो परिस्थितियाँ रही उनमें भी आपने बहुत सी वेदानुकूल प्रतिज्ञायें कर डाली , जो आपकी अनुसंधानात्मक बुद्धि को द्योतित करता है।
*अवतारवाद में विश्वास न करना ही वेदसम्मत है* अतः चौथी प्रतिज्ञा पूर्ण वेदानुकूल है।
और भगवान् बुद्ध को अवतार न मानना भी पूर्ण वेदानुकूल है। अतः पञ्चम प्रतिज्ञा भी वेदानुकूल ही है।
और ईश्वर अवतार नहीं लेता न ही कोई दूत भेजता है।
अतः जो भगवान् बुद्ध को अवतार के रूप मे प्रचारित करें वो पागल ही हैं।
आपकी प्रतिज्ञा का दूसरा मन्तव्य इस प्रकार है:-
*हम सभी दलित व आपके परमभक्त मुस्लिम व ईसाई ईसा मसीह के अवतार में विश्वास नहीं करेंगे। और जो पादरी ईसा मसीह को अवतार प्रचारित करेंगे उनको हम महापागल समझेंगे और मुहम्मद को भी पैगम्बर नहीं मानेंगे और जो मोहम्मद को पैगम्बर के रूप में प्रचारित करेगा उसको हम महापागल व धूर्त पाखंडी समझेंगे।*
जय भीम।
*वेदों की ओर लौटो*
*ओ३म्*
*ओ३म् भूर्भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात्।*
🔥 *अष्टाध्याय्याः सूत्राणां विभागाः* अष्टाध्यायी में सभी सूत्र सात प्रकार के हैं:- संज्ञापरिभाषाविधिनिषेधनियमातिदेशाधिकाराख्यानि सप्तविधानि सूत्राणि भवन्ति। 1. *स...
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