*बाबा साहेब की त्रयोदश प्रतिज्ञा की समालोचना*
*ओ३म्*
:- *प्रथमेश आर्य्य*
*त्रयोदश प्रतिज्ञा:-* मैं सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया और प्यार भरी दयालुता रखूंगा और उनकी रक्षा करूंगा।
*समालोचना:-* अब आप मनुवादी भी हो गये हैं। क्योंकि महर्षि मनु व वेदव्यास जी ने भी प्राणियों पर दया करते हुये अहिंसा के मार्ग को बताया है और
*योऽहिंसकानि भूतानि हिनस्त्यात्मसुखेच्छया ।स जीवांश्च मृतश्चैव न क्व चित्सुखं एधते ।। मनुस्मृति 5/45*
जो जीव वध योग्य नहीं है उनको जो कोई अपने सुख के निमित्त मारता है वह जीवित दशा में भी मृतक तुल्य है वह कहीं भी सुख नहीं पाता है।
*यो बन्धनवधक्लेशान्प्राणिनां न चिकीर्षति ।स सर्वस्य हितप्रेप्सुः सुखं अत्यन्तं अश्नुते ।। मनुस्मृति 5/46*
जो मनुष्य किसी जीव को बन्धन में रखने (पकड़ने), वध करने व क्लेश देने की इच्छा नहीं रखता है वह सबका देवेच्छु है अतएव वह अनन्त सुख भोगता है।
अतः आपकी यह प्रतिज्ञा भी पूर्ण वेदानुकूल है। परन्तु कुरान व बाईबल के सर्वथा प्रतिकूल हैं।
और आपकी प्रतिज्ञा का दूसरा मन्तव्य यह है
*हम आपके परमभक्त मुस्लिम व ईसाई यह संकल्प लेते हैं कि आज से ही पशु को अल्लाह का नाम लेकर हलाल करना, मांस खाना त्यागते हैं व वेदानुसार व मनुस्मृति के अनुसार शाकाहार को ही करेंगे।*
*ओ३म्*
*वेदों की ओर लौटो*
*ओ३म् भूर्भवः स्वः।तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात्।*
🔥 एधँ वृद्धौ , भ्वादि गण, उदात्त, अनुदात्त(आत्मनेपदी) 1. *लट् लकार* एधते, एधेते , एधन्ते। एधसे, एधेथे , एधध्वे। एधे, एधावहे , एधामहे। 2. *लिट् लकार* एधाञ्चक्रे , एधाञ्चक्राते , एधाञ्चक...
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