*सोमः का अर्थ शराब नहीं*
:- प्रथमेश आर्य्य।
*अर्त्तिस्तुसुहुसृधृक्षिक्षुभायावापदियक्षिनीभ्यो मन्।* उणादिकोष १.१४०।
🔥 *सु + मन् = सोमः*
*सवत्यैश्वर्यहेतुर्भवतीति सोमः कर्पूरश्चन्द्रमा वा* ।
अर्थात् :-
सोम = जो ऐश्वर्य का हेतु (कारण) हो , कर्पूर ,चन्द्रमा।
अब देखिये यदि सोम का अर्थ शराब होता तो अवश्य ही मद्य लिखा होता जबकि ऐसा कुछ भी नहीं। बल्कि ऐश्वर्य का कारण सोम बताया गया है।
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