🔥 *टी. बी. या tuberclosis (क्षय रोग या राजयक्ष्मा और शोष ) का कारण*
*इह खलु चत्वारि शोषस्य आयतनानि। तद्यथा साहसं सन्धारणं क्षयो विषमाशन।*
टी. बी.के चार कारण हैं :-
१. *साहस:-* अपनी ताकत या बल से अधिक कार्य करना , अपने से अधिक बलवान से कुश्ती लड़ना , बहुत अधिक बोलना , बहुत अधिक बोझ उठाना , अधिक ऊँचे नीते रास्ते में चलना। इससे छाती फट जाती है।
२. *संधारण:-* मल मूत्र लगने पर इनका समाधान न करना अर्थात् मल मूत्र आने पर मलत्याग न करना।
३. *क्षय:-* अत्यधिक चिन्ता शोक करने व रूखा सूखा खाने व दुर्बल होने पर भी उपयुक्त भोजन न करना। इससे हृदय में स्थित ओज का क्षय होता है और मनुष्य सूखने लगता है। और निरन्तर ऐसा रहने पर टी. बी. हो जाता है। व बहुत अधिक वीर्य या शुक्र के क्षय से शरीर में दुर्बलता आने पर शरीर में शुष्कता व इससे टी. बी. हो जाता है।
४. *विषमाशन :-* अपने पाचन शक्ति व मौसम आदि के अनुकूल भोजन न करना। इससे शरीर में दोष बढ़कर शरीर को अधिक सुखा देते हैं। जैसे सूखे व्यक्ति को यदि अपच रहे को वह और भी सूख जायेगा फलतः राजयक्ष्मा होने की संभावना बढ़ जायेगी।
*चरकसंहिता निदानस्थान 6वाँ अध्याय*
*ओ३म्*
*प्रथमेश आर्य*
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